धामी हिरो, बोक्सीनीया भिलेन (गुण्डा)-चाैधरी भाषा

धामी हिरो, बोक्सीनीया भिलेन (गुण्डा)-चाैधरी भाषा

नेपाली समाज एक्काइसौं सताब्दीमे प्रबेश करले बा । ओ फेन यी समाजके गतिविधि हेरना हो कलेसे सामाजिक मुद्दामे कौनो परिवर्तन आइल नइ बिल्गाइट । एनजिओ आइएनजिओ ओ राजनीतिक दलके बात सुन्के, लागठ आबके नेपाली समाज विकसित राष्ट्रके खाका कोरटी बा मने धरातलमे जाके अध्ययन करना हो कलेसे सामाजिक गतिविधिके मुद्दाके रुप परिवर्तन होके डर लग्ना पहार बन सेकल बिल्गाइट । नेपाली सञ्चार माध्यमहे आधार मन्ना हो कलेसे फेन कथित बोक्सीके आरोपमे महिलाके भोगल पीडाके बरवार पहार बा । यी पिडा कौनो जातीबादसंग किल जोरल नइ हो । हुई ! आउर समुदायसे ज्यादा थारू समुदायमे ढेर बिल्गाइट । मने बोक्सीके आरोपमे थारू समुदाय बाहेक आउर समुदाय फेन अछुतो नइ हो ।

आर्थिक वर्ष ०७२÷०७३ के दैनिक पत्रिकाके पाना पल्टाके हेरना हो कलेसे मेचीसे महाकाली समके गरिबीसे एक सरो कपडाके लाग तरपटी रहल ओ बाहरके छालासे कुरुप बनल अनुहारहे बोक्सीके आरोप खेपे परना पीडासे भरल बा । आर्थिक अवस्थाके बध्यता ओ व्याक्तिगत पहुँच नइ हुइल कारण असिन ढेर पीडा जौन सञ्चारमाध्यमसम फेन पुगे नइ सेकल हो, उ पीडा मनके पहार बन्टी पहिरो बन्के बहटी रहट मने उद्धारके लाग उहाँहुकन सामु कोइ उपस्थित हुइ नइ सेकट । काहेकि हमार समाजमे बोक्सीनीया रठै कि नइ रठै कहिके सक्कुजे अनविज्ञ बातै ।
बोक्सीनीया कहटी महिलाहे गजब पिट्ना, मनैनके मलमूत्र खवैना, योनीमे लठ्ठी घोच्न, समाज÷घरसे बहिष्कार करना, गाउँ निकाला करना, कपार मुण्डन करना, नङ्गा पारके गाउँ घुमैना, सुस्ना पानी लगैना, तताइल लाल लोहसे डहवैना, धारिला हात हतियार प्रहार करना, जित्ती जरैना, कालो मोसो दलके गाउँ घुमैना जस्ते अमानवीय व्यवहार करल घटना ते हम्रे सञ्चार माध्यमसे सुन्टि बाटी । मने यी घटना बाहेक बोक्सीके आरोपमे फरक यातना पउइयाके संख्यामे फेन कमी नइ हो ।

कैलाली जिल्लाके उदासीपुर गाविसके नाउँ नइ खुलैना सर्तमे एक थारू समुदायके महिला हाल मानसिक तनाबके औषधी सेवन करटी बाटी । उहाँ बाल्यकालमे पह्रे नइ पाके छोट्टे उमेरमे घर गृहस्तीमे काम करे परल । हाल उहाँ २ छावा ओ ३ छाइके डाइ बन सेकल बाटी । बौद्धिकताके बात करना हो कलेसे उहाँ कौनो बातमे कम नइ हुइट । हाते सिपसे छोट छोट बातहे औरे जहनसे जल्डी लेहे सेक्ना क्षमता बा उहाँकमे ।
सरकार पह्रे नइ पाइलहुकन फेन प्रौढ शिक्षा पह्रैना कहिके गाउँ–गाउँमे प्रोढ शिक्षा सञ्चालन करल । ओहे अवसर छोप्के उहाँ फेन २०७१ साल माघ महिनामे प्रौढ शिक्षामे नाउँ लिखैली । कक्षा सञ्चालनके क्रममे उहाँ रोज दिन गतिविधिमे आउर विद्यार्थीसे फेन आगे रही । गीत गैनासे लेके गृहकार्य करनासम । मने ओहे क्षमतासे उहाँके लाग विषालु सर्पके रुपमे ढिरेसे सावित हुइटी गैल अन्ततः उहाँ मजा क्षमता हुइल कारण बोक्सीनीयाके आरोपी बन्लीन ।

उहाँ, मै बोक्सीनीया नइ हु कहिके कहली बहुट जहनहे, कत्रा जहनहे स्पष्टिकरण देना ? सामाजमे उहाँ बोक्सी हो कहिके चिन्न डरसे घरही मिलैना प्रयास करली मने उहाँहे बोक्सीनीया बनैना अपने आफन्त, सहकर्मी ओ सघरिया ढिरसे गाउँ भर हल्ला चलगिल । मने फेन उहाँ बदनामीके डरसे कानुनी रुपमे कौनो पहल नइ करली । बरु बोक्सीनीयाके आरोपमे छावा पटोहीयासे दुर हुइना बाध्य हुइली ।
गाउँके सक्कुजे उहाँहे कानेखुशी करटी बोक्सीनीया अइटी बा कहिके टिकाटिप्पणी करे लागल पाछे उहाँके बरका छावा पटोहिया घर छोरके धनगढी बजारमे मजदुरी करना बाध्य हुइली । उहाँ हालसम फेन मानसिक तनावसे औषधी सेवन करटी बाती ।
ओस्ट करके गदरिया गाविसके एक विपन्न समुदायके एक महिला बोक्सीनीयाके आरोपमे मानसिक सन्तुलन गुमैले बाटी । उहाँहे उर्मा गाविस उर्मी गाउँके एक माता …..गाउँलेहे दुख देहल कहटी उ महिलाहे जादु करदेहल बटैठी ।

माताके अनुसार गाँउमे विरामी हुइना सक्कुहुनहे ओेहे महिला दुख देटी रहल आरोप बा । विरामी परुइया बहुट जाने माता कहाँ झारफुक कराइ जैठै । ओ मातासे धेर जैसिन बिरामीहे ओहे बोक्सीनीया लागल आरोप लगैठै ।
माता एक बरष आगे आपन कहाँ अइना विरामीहे काहे दुख देहटो कना बोक्सी आरोपी महिलाहे आपन कहाँ बलैले रही । मने बोक्सीनीया आरोपी महिला माताके आगे अपने बोक्सीनीया नइ रहल स्वीकार करल पाछे माता झूठ बोलल बाफत अपने उ महिलामे जादु करल बटैठी ।
बोक्सीनीया आरोपी महिला हाल सम मानसिक सन्तुलन गुमैले बाटी । उहाँ अपने आफन्तसे बहिस्कृत बाटी मने कानुनी उपचारमे भर नइ गैली । उहाँहे बोक्सी हुइल कारण पागल हुइल कहटी परिवार फेन उपचार नइ करल अवस्थामे उहाँ एक्केली भौतारटी बाटी । उ गाउँके मनै बेराम हुइल पाछे गुरुवा ओहे बोक्सीयाके कारण बेराम परल आरोप लगाइठ ।

कैलाली जिल्लाके सदरमुकामसंग जोरल कैलाली जिल्ला वेला देविपुर गाविस वडा नं. ७ घेड्सुवाके राज कुमारी रानाहे २०६९ चैत्र २३ गते उहाँके देवर लाल सिं राना, धर्मराज राना, राम सिं राना मारपिट करनाके साथे रुख्वामे हात कस्के कपार खौरके गुह खवाके यौनीमे कैची ओ लठ्ठी समेत घुसाके यातना देहल रहे । उहाँ न्यायके पखाईमे बैठल बैठल २०७१ पुसमे मौत बरण करली । दोषीहे कडा कारबाही हुइलेसे आपनहे न्याय पाइल महशुस करना रंगीन सपना चिताके धुँवामे ओरागिलीन ।
मनै, जीवजन्तु जे कोइ फेन रोग लागके बेराम परठै मने हमार समाजमे रोग लागलपाछे डक्टरुवासे गुरुवा, धामी झाँक्रीहे ज्यादा विश्वास करना चलनसे प्रचश्व पैले बा । गुरुवा, धामी झाँक्रीहे हमार समाज हिरो बनैना पितृसत्तात्मक समाज हो । पितृसत्तात्मक सामाजिक प्रणालीसे पुरुषहे सर्वश्रेष्ठ ओ महत्वपूर्ण व्यक्तिके दर्जा देहल कारण महिला असिन खालके कुरीतिसे ग्रसित बातै । महिलाहे कमजोर, अस्तित्वहीन ओ गौण पात्रके रूपमे स्थापित करना पितृसत्तात्मक संरचना हो ।

अगर जत्तिक महिलामे कौनो खालके जादु बा कलेसे फेन उहाँहुकनहे काहे बोक्सीनीयाके रुप देना, ओ पुरुषमे हुइल जादुहे काहे हिरोके रुपमे सावित करना असिन खालके प्रश्नके प्रतिउत्तर हमार सामजसंग काहे नइ हो ? जे बोक्सीनीया हो कहटी एकठो महिलाहे रात दिन यातना देहे सेक्ना मने बोक्सीनीयाके परिभाषा खोजी करेबेर काहे मौन हुइठै ? बोक्सीनीयामे शक्ति रहट ओ ओकर चाहल खण्डमे औरे उप्पर जा फेन करे सेकी कहिके विश्वास कैना मनै उहिहे काहे पीडा हुइना काम आपनसे हुइल खण्डमे आपनहे पीडा भोगे परी कना हेक्का काहे नइ राखे सेकल हुइट ! शक्तिवाला मनैनहे टे छुए फेन नइ सेके परना हो, हो कि नै ? शक्तिशाली मानजिना बोक्सीया काहे पिट्वा पैठै ? काहे बोक्सीनीया आपन उप्पर आइलागल संग जाइ नइ लागल हुई ? का बोक्सीनीया ओत्रा कमजोर रठै टे, जे आपनहे मारे लागल मनैनहे मारे नइ सेक्ना ?
पाछेक चरणमे बोक्सीनीयाके नाउँमे शारीरिक यातनासे फेन मानसिक यातना देहुइयाके संख्या ज्यादा बिल्गाइठ । शारीरिक यातना नइ भोगल कारण हुइ पीडितहुक्र न्याय खोज्न कानुनी प्रक्रियाके डुवार नइ घचघचैठै । जिल्ला प्रहरी कार्यालय कैलालीमे बोक्सीनीयाके आरोपमे दुई बरष यहोर एकठो मुद्दा फेन दर्ता हुइल नइ हो । ०७१÷०७२ ओ ०७२÷०७३ मे बोक्सीनीयाके आरोपमे मुद्दा दर्ता नइ हुइलक कारण कौनो फेन मनै बोक्सीनीया नइ रठै, रिसबीके कारणसे बोक्सीनीयाके आरोपमे घटना घट्ना करल बतैठै जिल्ला प्रहरी कार्यालय कैलालीके डिएसपि दिलिप सिंह भण्डारी ।

नेपालके कानुन बोक्सा बोक्सीनीयाके आरोप लगैना कामहे अपराध मन्ले बा । बोक्सीनीया आरोप विरुद्धके ऐन फेन आसेकल अवस्था बा जौन प्रशंसनीय काम हो । मने बोक्सीनीयाके आरोपमे निर्दोष महिलाहे प्रताडित हुइटी रहना नेपाली समाजके बिडम्बना हो । तबेमारे बोक्सीनीया हुइठै कहिके जे विश्वास करठ । औरे उप्पर ओहे आरोप लगाइठ । ओ गुरुवाके पक्षपोषण करटी हो मे हो ठपट उ ओकर अज्ञानता हो ।