कविटा-थारू भाषा
जुरार, जुरार इ रैराहमे
बहटा सिर–सिर, सिर–सिर सिरसिर्या बयाल
करनिडियाँ राट हेरो
ओंघैटि रहल जुग्नु टोरङ्न
घुर्घटिक भिट्टर
सिठ मारके निडाइल जोन्ह्याँ
आँसक बुँडा चुहैटि रहल
रुख्वा बरिख्वक पटिया
ओस्टके झम्रे–झम्रे
ओज्रार लुटके भग्टि रहल राट–जोग्नि
उठो, आँख
उठो कान
ओ फुँको खोब डँटके
इ आगि फुँक्ना डिन हो ।
जुरार, जुरार इ राहमे हेरो
पसाट हस सुटल बा
खेटवा–डिह्वा,
खुँटि पकर्ले बैठल बटाँ
घारिक भिट्टर डौंरि
मुँह सिके ठह्र्याइल बा
घर–डुवार, घारि, बगर्वा
ठ्यौ–ठ्यौ, ठ्यौ–ठ्यौ भुँक्टि बटाँ कुक्कुर
यहोंर खोरक भिट्टरसे
छेग्रि–भेँरि बोक्टि बटाँ चोर गिडार
उठो, हाँठ
उठो, गोरा
ओ फुँको खोब डँटके
इ आगि फुँक्ना डिन हो ।
जुरार, जुरार इ बह्टु पवनमे
मौंरे नै सेक्ठो,
फुले नै सेक्ठो
बगियक आम–जाम
चुहे नै सेक्ठो
जुहाइल महुवाँ
टेम्ह्रि लागे नै सेक्ठो
निमुवाँ, लरङगि, अम्रुट
बोटिया लागे नै सेक्ठो
कटहर, अनार, सलिप्फा
डिर्हाइ नै सेक्ठो
लौका, कोह्रा, टोरङगन
हेरो बारि, फुल्वारमे
फुला लुटके भागट भौंरा, सुरसुर्वन
उठो, अङ्ग्रि
उठो, पौलि
ओ फुँको खोब डँटके
इ आगि फुँक्ना डिन हो ।
जुरार, जुरार इ अँगना हेरो
आँसके एक्ठो लडिया बहटा
अँढार कोन्टिम चुपचाप, चुपचाप
सुस्करटा मोटुक भिट्टर ढकढिउरा
भुखाइल पेट हस सुकुर–सुकुर
यहोंर झक्झोरटा मोर हिर्डाहे
इ कान्वाँसे उ कोन्वाँसम
मरुभुमि बन्टि बा मोर छाटि
खन्डहर बन्टा मोर कपुन्डि
ओ बनटा मोर डिमाक जिलेबि हस
यहोंर मुर्गि–चिङ्नि झप्टेहस
मुस–डुक्रि झप्टेहस
झप्टटि बटाँ चिल्हार मोर विचार
उठो, गुडि
उठो, हिर्डा
ओ फुँको खोब डँटके
इ आगि फुक्ना डिन हो ।
जुरार, जुरार इ घर–डवार
भुँखासल बा, डेह्रि–कुठ्लि
पियासल बा, गगरि–कर्वा, बस्ना
सिँराइल बा, झुला–छटकिया, सलाइ
निडाइल बा चुल्हि–पस्गा
चिमाइल बटाँ मोर डेहुरारिक डेँउटा
यहोंर मुस–डुक्रि बोक्टि बटाँ अन–ढन
उठो, पखरा
उठो, मुँख
ओ फुँको खोब डँटके
इ आगि फुक्ना डिन हो ।
–साभार : लावा डग्गर त्रैमासिक अंक ४९ (२०७८ माघ, फागुन अो चैट)